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गुवाहाटी में बाढ़ की पूर्व सूचना देने के लिए TERI और NDMA ने फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम (FEWS) लॉन्च किया | |
admin | |
2020-08-13 | |
发布年 | 2020 |
语种 | 英语 |
国家 | 印度 |
领域 | 资源环境 |
正文(英文) |
गुवाहाटी में बाढ़ की पूर्व सूचना देने के लिए TERI और NDMA ने फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम (FEWS) लॉन्च कियामौसम पूर्वानुमान आधारित चेतावनी प्रणाली जो 72 घंटे पहले देगी बाढ़ की चेतावनी। यह प्रणाली उन्नत हाइड्रोलॉजिकल मॉडल का उपयोग करती है। इसे भारत के अन्य शहरों में भी उपयोग किया जा सकता है। नई दिल्ली, 13 अगस्त 2020: द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (TERI) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने स्थानीय अधिकारियों को अचानक आई बाढ़ और भारी वर्षा के बारे में सचेत करने के लिए गुवाहाटी के लिए एक फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम (FEWS) लॉन्च किया। इसे ऑनलाइन इवेंट में लॉन्च किया गया, पूरी तरह से स्वचालित वेब-आधारित उपकरण शहर की ओर जाने वाली प्राकृतिक आपदा की स्थिति में समय पर और उचित उपाय करने में मदद करेगा। यह उपकरण भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के सहयोग से, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा समर्थित TERI की परियोजना के तहत विकसित किया गया है। इसे देश के किसी भी हिस्से में शहरों में आने वाली बाढ़ की पूर्व सूचना देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गुवाहाटी नगर निगम, नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस ऍप्लिकेशन्स सेंटर (NESAC) और TERI स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज (TERI SAS) के सहयोग से शहरी बाढ़ से निपटने की क्षमता बढ़ाने के लिए FEWS पायलट प्रोजेक्ट एक प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था। ये सिस्टम हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई उस बातचीत के अनुरूप ही है जिसमें प्रधानमंत्री ने बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए स्थानीय स्तर की चेतावनी प्रणाली विकसित करने की ज़रूरत पर ज़ोर डाला था। TERI के महानिदेशक डॉ अजय माथुर ने लॉन्च इवेंट में कहा, "प्रकृति आधारित जोखिमों को अब फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम (FEWS) जैसी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में एकीकृत किया जा सकता है। विज्ञान संचार के साथ मिलकर, इस तरह के सिस्टम से मिलने वाले आंकलन और नतीजे बाढ़-ग्रस्त शहरों और भौगोलिक क्षेत्रों में बाढ़ से निपटने की क्षमता बढ़ा सकते हैं। हमें खुशी है कि हमारा FEWS आंकलन उन शहरों के लिए बाढ़ प्रबंधन रोडमैप प्रदान कर सकता है जिनमें पूरे साल बाढ़ का खतरा लम्बे समय तक बना रहता है।" श्री जी वी वी सरमा, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा, "आपदा प्रबंधन तंत्र पर नागरिक समाज की अपेक्षाएं हर दिन बढ़ रही हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में कई प्रगति के बावजूद, बहुत सारे कदम उठाए जाने बाकी हैं। प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के साथ हमें ज़मीनी स्तर पर मानसून से पहले जल निकायों के संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जल निकासी चैनलों की सफाई जैसे तकनीकी-कानूनी उपायों की आवश्यकता है। " उन्होंने आगे कहा, "सभी राज्यों और जिलों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना 2019 के अनुरूप आपदा प्रबंधन योजनाओं को अपनाने की आवश्यकता है। उन्हें जल्दी चेतावनी प्रणाली जैसे उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।" श्री बी पी यादव, डीजीएम - हाइड्रोलॉजी, आईएमडी नई दिल्ली, ने स्थानीय स्तर पर बाढ़ पूर्वानुमान क्षमताओं के निर्माण के बारे में बात की। "हमने देश को 27000 जलक्षेत्रों में वर्गीकृत किया है और इसके आधार पर हम बाढ़ की चेतावनी जारी करते हैं। शहरी बाढ़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, हमारा मुख्य ध्यान स्थानीय शहर-विशिष्ट पूर्वानुमान प्रणाली के लिए सटीक अडवाइज़री विकसित करना है। वर्तमान में, उच्च तीव्रता की वर्षा की घटनाओं की संभावना का पता लगाने / पूर्वानुमान करने के लिए भारत में 25 डॉपलर वेदर रडार हैं। आईएमडी अगले 2 वर्षों में पूर्वी और पश्चिमी हिमालय में पहाड़ी जिलों में 20 रडार स्थापित करेगा। FEWS में भारतीय मौसम विभाग के मौसमीय शोध पूर्वानुमान (WRF) मॉडल के नतीजों का इस्तेमाल किया गया है। इस मॉडल के ज़रिए तीन किलोमीटर तक के स्पेशियल रेजल्यूशन के आधार पर मिले नतीजों का इस्तेमाल कर FEWS ने एक ऐसा हाइड्रोडायनमिक मॉडल विकसित किया है जो हर घंटे के आंकड़ों के साथ-साथ बाढ़ का पूर्वानुमान लगा सकेगा और शुरुआती स्तर की चेतावनी भेज सकेगा। TERI के अर्थ साइंस एंड क्लाइमेट चेंज में प्रोजेक्ट लीड और एसोसिएट फ़ेलो, प्रसून सिंह ने FEWS टूल की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "प्रांरम्भिक चेतावनी प्रणाली प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचना देने और उससे होने वाले नुक्सान को कम करने में मददगार साबित हुआ है। हालाँकि शहरी जल तंत्र की गतिशील प्रकृति और कई स्तरों पर चलने वाली परस्पर क्रियायों का आकलन करना मुश्किल काम है लेकिन FEWS जैसे टूल्स की खासियत है कि ये शहरी इलाकों से जुड़ी इन अनिश्चितताओं के साथ तालमेल बैठा सकता है। इस तरह आपदा प्रबंधन की हमारी क्षमता बढ़ सकेगी और साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ से निपटने की हमारी क्षमता में भी सुधार आ सकेगा।" प्रसून ने कहा कि "इस सिस्टम को इनबिल्ट अर्बन ड्रेनेज के साथ विकसित किया गया है जिससे गलियों में आने वाली बाढ़ का पूर्वानुमान भी सटीकता से लगाया जा सकेगा। इसके अलावा बाढ़ के स्तर और हॉटस्पॉट क्षेत्रों को गूगल मैप्स पर देखा जा सकेगा जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने, आपदा की तैयारी और शहरी बाढ़ से संबंधित मुद्दों जैसे यातायात में व्यवधान, राहत और रिकवरी देने और तूफानी बारिश से जमा पानी के प्रबंधन में मदद करेगा," इस ऑनलाइन चर्चा में जलवायु परिवर्तन के लिए TERI के सेंटर फॉर क्लाइमेट मॉडलिंग द्वारा विकसित किए गए एक जलवायु पोर्टल को भी दिखाया गया। यह पोर्टल नीति निर्माताओं को अतीत और भविष्य की शहरी स्तर पर मौजूद रही जलवायु परिवर्तन के खतरों से जुड़ी सूचनाएं राष्ट्र स्तर पर मुहैया करा सकेगा जिससे इन खतरों को भांपने और इनसे निपटने के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी। TERI की हाइड्रो-क्लाइमेट मॉडलिंग क्षमताएँ लगातार नई और अनूठी तकनीकें मुहैया करा विज्ञान और नीतिगत कमियों को दूर करने की कोशिश कर रही हैं। टेरी के बारे मेंएनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट यानि टेरी एक स्वतंत्र, बहुआयामी संगठन है जो शोध, नीति, परामर्श और क्रियान्वयन में सक्षम है। संगठन ने लगभग बीते चार दशकों से भी अधिक समय से ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में संवाद शुरू करने और ठोस कदम उठाने का कार्य किया है। संस्थान के शोध और शोध-आधारित समाधानों से उद्योगों और समुदायों पर परिवर्तनकारी असर पड़ा है। संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में है और गुरुग्राम, बेंगलुरु, गुवाहाटी, मुंबई, पणजी और नैनीताल में इसके स्थानीय केंद्र और परिसर हैं जिसमें वैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों, अर्थशास्त्रियों और इंजीनियरों की एक बहु अनुशासनात्मक टीम कार्यरत है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: |
URL | 查看原文 |
来源平台 | Energy and Resources Institute |
文献类型 | 新闻 |
条目标识符 | http://119.78.100.173/C666/handle/2XK7JSWQ/287418 |
专题 | 资源环境科学 |
推荐引用方式 GB/T 7714 | admin. गुवाहाटी में बाढ़ की पूर्व सूचना देने के लिए TERI और NDMA ने फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम (FEWS) लॉन्च किया. 2020. |
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